राजस्थान का एकीकरण rajasthan ka ekikaran

  • Rajasthan ka Ekikaran

  • स्वतंत्रता के समय राजरथान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने, व 1 अंग्रेज शासित प्रदेश था। राजस्थान को उस समय राजपूताना कहते थे।
  • एकीकरण के समय की राजस्थान की19 रियासतों के नाम  – जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, बूंदी, कोटा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाडा, झालावाड़, करौली, शाहपुरा, सिरोही, टोंक, किशनगढ़, जैसलमेर
  • 3 ठिकाने – कुशलगढ़, लावा, नीमराणा
  • अंग्रेज शासित प्रदेश – अजमेर मेरवाड़ा
  • राजस्थान का एकीकरण करने में 8 वर्ष 7 महीने व 14 दिन का समय लगा।
  • 26 जनवरी 1950 ई. को राजपूताना का नाम बदलकर राजस्थान रखा गया। राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर 1956 को आया। इस कारण 1 नवम्बर को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता हैं।
  • राजस्थान की प्राचीन रियासत मेवाड़ / उदयपुर थी। इसकी स्थापना गुहादित्य के द्वारा 565ई. में की गई।
  • राजस्थान की नवीन रियासत झालावाड थी इसकी स्थापना झाला मदनसिंह द्वारा 1838 ई में की गई। झालावाड, एक ऐसी रियासत थी जो अंग्रेजों द्वारा स्थापित की गई। जिसे कोटा से अलग कर बनाया व राजधानी पाटन रखी।
  • सबसे अधिक क्षेत्रफल वाली रियासत मारवाड. / जोधपुर थी।
  • सबसे कम क्षेत्रफल वाली रियासत शाहपुरा / भीलवाड़ा थी।
  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 की धारा 8 के अनुसार भारत के सभी रियासतों पर से ब्रिटिश प्रभुत्व को समाप्त किया व देशी रियासतों के अधिकार को सुरक्षित रखा व अपनी इच्छानुसार भारत संघ मे मिले या पकिस्तान में या स्वयं का स्वतंत्र अस्तित्व बनाये देशी रियासतों की समस्या के हल के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की देखरेख में रियासती विभाग का गठन 5 जुलाई 1947 को किया जिसके सचिव वी.पी. मेनन थे।
  • रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सबसे पहली रियासत बीकानेर थी। बीकानेर के शार्दूल सिंह ने ही 7 अगस्त1947 ई. को सबसे पहले रियासती विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
  • हस्ताक्षर करने वाली सबसे अन्तिम रियासत धौलपुर थी। धौलपुर के शासक उदयभान सिंह ने 14 अगस्त 1947 को विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।

 

  • राजस्थान का एकीकरण

  • राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ।
  • प्रथम चरण :-
  • मत्स्य संघ
  • तिथि 18 मार्च 1948
  • शामिल रियासत व ठिकाना :- अलवर, धौलपुर, करौली, भरतपुर व नीमराना ठिकाना
  • उ‌द्घाटनकर्त्ता – एन.वी.गाडगिल
  • राजधानी – अलवर
  • प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत
  • राजप्रमुख – उदयभान सिंह
  • नामकरण – के.एम.मुंशी
  • विशेष तथ्य – महात्मा गांधी की हत्या का आरोप अलवर के महाराजा तेजसिंह पर लगे थे।
  • मत्स्य संघ नाम के.एम.मुंशी ने दिया।
  • मत्स्य संघ की चारों रियासतों ने एकीकरण के दस्तावेज पर 28 फरवरी 1948 को हस्ताक्षर किये
  • मत्स्य संघ की वार्षिक आय 184 लाख रू थी।
  • मत्स्य संघ के उपप्रधानमंत्री जुगल किशोर चतुर्वेदी थे।

 

  • द्वितीय चरण:-
  • पूर्व राजस्थान संघ
  • तिथि – 25 मार्च 1948
  • शामिल रियासत व ठिकाना :- बांसवाडा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड, कोटा, प्रतापगढ़, टोंक, किशनगढ़, शाहपुरा व कुशलगढ़ ठिकाना
  • उद्घाटन कर्ता – एन.वी.गाडगिल
  • राजप्रमुख – भीम सिंह
  • उपराजप्रमुख – बहादुरसिंह
  • प्रधानमंत्री – गोकुल लाल ओसवा
  • विशेष तथ्य:
  • बांसवाडा के शास्यक महारावल चन्द्रवीरसिंह ने एकीकरण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि मैं अपने मृत्यु दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।
  • कोटा महाराव भीमसिंह हाड़ौती संघ बनाना चाहते थे। डुंगरपुर के शासक लक्ष्मणसिंह बागड, संघ बनाना चाहते थे एकीकरण के दुसरे चरण में पहली बार राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ।

 

  • तृतीय चरण :-
  • संयुक्त राजस्थान
  • तिथि 18 अप्रैल 1948
  • पूर्व शामिल रियासत व ठिकाना – पूर्व राजस्थान संघ (10 रियासत) + उदयपुर +1 ठिकाना
  • उद्घाटन कर्ता – पं जणहरलाल नेहरू
  • राजधानी – उदयपुर
  • प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा
  • राजप्रमुख – भोपालसिंह
  • विशेष तथ्य – मेरी इच्छा तो मेरे पूर्वजों ने पहले ही तय कर दी यदि वह थोडे ही डगमगाय होते तो हमारे लिए हैदराबाद जितनी रियासत छोड जाते लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया इसलिए मैं हिन्दुस्तान के साथ हुँ । ( महाराजा भोपालसिंग)
  • रियासत सचिवालय ने घोषणा की थी की कोई रियासत जिसकी वार्षिक आय 1 करोड़ रुपये हो व जनसंख्या 10 लाख या उससे अधिक हो वह रियासत अपना अलग अस्तित्व रख सकती हैं। इस मापदण्ड के अनुसार जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, मेवाड, ऐसी रियासतें थी जो अलग अस्तित्व रख सकती थी।

 

 

  • चतुर्थ चरण :-
  • वृहद राजस्थान
  • तिथि: – 30 मार्च 1949
  • शामिल रियासत :- संयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर + लावा (ठिकाना) यानि-14 रियासत + 2 ठिकाने
  • उ‌द्घाटन कर्त्ता -सरदार वल्लभभाई पटेल
  • राजधानी – जयपुर
  • प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री
  • राजप्रमुख :- सवाई मानसिंह द्वितीय
  • विशेष तथ्य – सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर विभिन्न विभागों का गठन किया गया।
  • न्याय विभाग – जोधपुर
  • खनिज विभाग – उदयपुर
  • शिक्षा विभाग – बीकानेर
  • वन विभाग – कोटा
  • कृषि विभाग – भरतपुर

 

  • पंचम चरण :-
  • संयुक्त वृहद राजस्थान
  • तिथि: – 15 मई 1949
  • शामिल रियासत – मत्स्य संघ+ वृहद राजस्थान
  • उद्घाटन कर्ता – सरदार वल्लभभाई पटेल
  • प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री
  • राजधानी – जयपुर
  • महाराजप्रमुख – महाराणा भूपाल सिंह
  • राजप्रमुख – मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
  • विशेष तथ्य – शंकरदेव राय समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ को बृहत राजस्थान में मिलाया।
  • समिति के सदस्य – शंकरदेव, आर.के.सिवा, प्रभुदयाल

 

  • षष्ठम चरण :-
  • राजस्थान संघ
  • तिथि – 26 जनवरी 1950
  • शामिल रियासत – संयुक्त बृहत राजस्थान + सिरोही (आयु देलवाड़ा को छोड़कर)
  • राजधानी – जयपुर
  • राजप्रमुख – सवाई मानसिंह
  • मुख्यमंत्री :- हीरालाल शास्त्री
  • महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह
  • विशेष तथ्य – इस चरण में प्रधानमंत्री की जगह मुख्यमंत्री के पद का सृजन हुआ व इसी चरण में राजस्थान नाम को संवैधानिक मान्यता मिली

 

  • सम्तम चरण :-
  • वर्तमान राजस्थान
  • तिथि -1 नवम्बर 1956
  • शामिल रियासत – वर्तमान राजस्थान + शामिल क्षेत्र ( आबु दिलवाड़ा + अजमेर मेरवाड़ा + सुनेल टपा) सिरोज क्षेत्र
  • राजधानी – जयपुर
  • राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहालसिंह
  • मुख्यमंत्री – मोहन लाल सुखाडिया
  • राज्य पुनर्गठन आयोग – राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना भारत सरकार द्वारा 22 दिसम्बर 1956 को फैजल अली की अध्यक्षता में गठित की गई व पंडित ह्रदयनाथ कुंजरू व सरदार पन्निकर को सदस्य बनाया
  • 1955 में व राज्य पुनर्गठन आयोग ने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सोंपी व 1956 में इसे राज्य पुनर्गठन अधिनियम बनाया।
  • 1 नवम्बर राजस्थान स्थापना दिवस के रूप में मनाया व इसी दिन राजशाही के अन्तिम अवशेष राजप्रमुख पद को 7 वें संविधान संशोधन द्वारा समाप्त कर राज्यपाल पद का सृजन कर लोकतंत्र की स्थापना की।
  • विभिन्न चरणों से गुजरते हुए राजस्थान निर्माण की प्रक्रिया 17 मार्च 1948 से प्रारंभ होकर 1 नवम्बर 1956 को 7 चरणों में पूर्ण हुई व राजस्थान का वर्तमान स्वरूप अस्तित्व में आया।

 

  • महत्वपूर्ण बिन्दु : –
  • राम मनोहर लोहिया ने अखिल भारतीय स्तर पर राजस्थान आन्दोलन समिति की स्थापना करके राजस्थान के एकीकरण का मुद्दा उठाया
  • लॉर्ड लिनलिथगो ने सर्वप्रथम राजस्थान के एकीकरण की बात की
  • महाराणा भूपालसिंह का निधन 1955 में हुआ इनके निधन के साथ ही महाराज प्रमुख पद समाप्त हो गया
  • सिरोही एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसका विलय दो चरणों में हुआ।
  • राजस्थान के सर्वाधिक कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया थे व सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा मात्र 16 दिन ही पद पर रहे।
  • एकमात्र मुख्यमंत्री जिनका पद पर रहते हुए निधन हो गया वह बरखतुल्ला खाँ थे।
  • पहली बार 1952 में जब चुनाव हुआ तब राज्य विधानसभा सदस्य 176 थे।
  • राजस्थान के प्रथम मनोनित मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री थे।
  • राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री टीकाराम पालीवाल थे।
  • राजस्थान की प्रथम महिला उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल थी।
  • द लास्ट डेज इन ब्रिटिश राज इन इण्डिया पुस्तक लियोनार्ड मोसले ने लिखी।
  • द स्टोरी ऑफ इन्टीग्रेशन ऑफ इण्डियन स्टेटडन पुस्तक वी.पी. मेनन ने लिखी।
  • एक्समेन टु एक्सटीक्सन पुस्तक डी.आर.मानककेर ने लिखी।

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