राजस्थान में ऊर्जा संसाधन

राजस्थान में ऊर्जा संसाधन

वर्तमान युग ही औद्योगिक युग है। जिसका मुख्य आधार ही शक्ति संसाधन है। राजस्थान निर्माण के समय के समय विद्युत क्षमता मात्र 13.27 मेगावाट थी। राजस्थान विद्युत नियामक आयोग का गठन 2 जनवरी 2000 को किया जिसके अध्यक्ष अरुण कुमार थे। 1948 में देश में विद्युत आपूर्ति अधिनियम लागू किया गया।

राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान विद्युत क्षेत्र सुधार अधिनियम 1999 में पारित किया गया जिसको 1 जून 2000 से लागू किया गया। व इसके तहत राजस्थान राज्य विद्युत मंडल का विभाजन कर राजस्थान में 19 जुलाई 2000 को 5 नई कम्पनियों का गठन किया गया।

  1. उत्पादन हेतु – राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (जयपुर) का गठन किया गया।
  2. प्रसारण हेतु – राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (जयपुर)
  3. वितरण हेतु – जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (12 जिलों में कार्यरत)
  4. अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (11 जिलों में कार्यरत)
  5. जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (10 जिलों में कार्यरत)

 

  • ऊर्जा के प्रमुख स्रोत –
    1. परम्परागत स्रोत – जलविद्युत, तापीय विद्युत (कोयला, प्राकृतिक गैस व तेल) व आणविक उर्जा
    2. गैर परम्परागत स्रोत – सौर उर्जा, ज्वारीय उर्जा, बायोगैस व बायोमास व पवन उर्जा

राजस्थान की प्रमुख ऊर्जा परियोजनाएं

  • राजस्थान में तापीय विद्युत परियोजनाएं –

  • राजस्थान में तापीय उर्जा का उर्जा उत्पादन में विशेष योगदान रहा है।
  • उर्जा के प्रमुख स्रोत – कोयला खनिज तेल व प्राकृतिक गैस
  1. सुरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन (गंगानगर)
    • यह राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर स्टेशन है जो आधुनिक विकास का तीर्थ भी कहलाता है।
    • 8 वीं इकाई पूर्ण होने के पश्चात् उत्पादन क्षमता 2820 मेगावाट  है।
    • वर्तमान समय में राजस्थान में सबसे अधिक विद्युत का उत्पादन करने वाला पॉवर प्लान्ट है।
  2. कोटा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन – कोटा 
    • यह राजस्थान की प्रथम तापीय विद्युत परियोजना है। जो कोयले पर आधरित एक‌मात्र परियोजना हैं। व ये दुसरा सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
    • कुल उत्पादन क्षमता 1240 मेगावाट  है।
    • यह कोटा शहर में चम्बल नदी पर कोटा बैराज के बांये किनारे पर स्थित है।
  3. छबड़ा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन (छबड़ा बारां) –
    • यह तरल इंधन पर आधरित राजस्थान का तीसरा सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन है।
    • कुल उत्पादन क्षमता – 2320 मेगावाट है।
  4. कालीसिंध सुपर क्रिटिकल पॉवर स्टेशन (झालावाड) –
    • कुल उत्पादन क्षमता – 1200 मेगावाट
    • इस परियोजना में कालीसिंध नदी पर निर्मित कालीसिंध बांध से जलापूर्ति व छतीसगढ से कोयले की आपूर्ति होती है ।
    • यह राजस्थान का पहला पॉवर प्लांट है। जहाँ सीधे ही सुपर क्रिटिकल इकाई लगाई गई।
  5. गिरल लिग्नाईट थर्मल पॉवर स्टेशन (थुम्बली बाड़मेर) –
    • यह राजस्थान का पहला लिग्नाइट गैसीकरण तकनीकी पर आधरित प्रोजेक्ट है।
    • यह राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा KLF जर्मनी के आर्थिक सहयोग से स्थापित किया गया।
    • कुल उत्पादन क्षमता – 250 मेगावाट
  6. कपूरडी और जालिपा थर्मल पावर परियोजना  (बाड़मेर) –
    • कुल उत्पादन क्षमता – 1080 मेगावाट
  7. भादरेस लिग्नाईट सुपर थर्मल पॉवर परियोजना (बाड़मेर)
    • कुल उत्पादन क्षमता – 1,080 मेगावाट
    • यह राजस्थान की पहली उर्जा उत्पादन कम्पनी है।
  8.  बरसिंहसर थर्मल पॉवर परियोजना (बीकानेर) –
    • कुल उत्पादन क्षमता – 250 मेगावाट

 

राज्य में निजी क्षेत्र से सम्बंधित विद्युत परियोजनाएँ

  1. कवई सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर परियोजना (बारां) –
    • कुल उत्पादन क्षमता 2×660 = 1320 मेगावाट
  2. केशोरायपाटन थर्मल पॉवर परियोजना (बूंदी)
    • कुल उत्पादन क्षमता -1000 मेगावाट
  3. बाँसवाड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट –
    • कोयला आधारित परियोजना
    • कुल उत्पादन क्षमता – 2×660 = 1320 मेगावाट

 

गैस व तरल इंधन आधारित परियोजना –

  1. अंता गैस विद्युत परियोजना (बारां) –
    • यह राजस्थान में स्थापित केन्द्र सरकार की प्रथम गैस विद्युत परियोज‌ना है।
    • कुल उत्पादन क्षमता – 419.33 मेगावाट
    • राज्य का अंश 19.81 प्रतिशत
    • इस परियोजना में गैस की आपूर्ति HBJ (हजीरा-बीजापुर-जगदीशपुर) पाईप लाईन से होती है।
    • यह N.T.P.C द्वारा संचालित, 9 राज्यों की संयुक्त परियोजना है।
  2. झामर कोटडा गैस परियोजना – उदयपुर –
    • RSMML (राज्य खान व खनिज निगम लिमिटेड) द्वारा 2001 में स्थापित
    • उत्पादन क्षमता – 4 मेगावाट
  3. रामगढ़ गैस परियोजना – रामगढ़ (जैसलमेर)
    • यह राजस्थान की द्वितीय गैस आधारित विद्युत परियोजना है। कुल उत्पादन क्षमता 273.5 मेगावाट है।
    • ONGC  द्वारा तनोट, डांडेवाला व मनिहारी टिब्बा से उत्पादन किया बाता है। व पानी की पूर्ति इंदिरा गाँधी नहर से की जाती है।
  4. धौलपुर गैस आधारित कम्बाइड साइकिल पॉवर प्लांट (‌धौलपुर) –
    • यह राजस्थान की तीसरी गैस आधारित परियोजना है जो वर्ष 2007 से प्रारंभ की गई।
    • उत्पादन क्षमता – 330 मेगावाट

  • राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन

    • देश में सौर उर्जा नीति घोषित करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के आकलन के अनुसार राजस्थान में सौर उर्जा से 142 गीगावाट तक विद्युत उत्पादन क्षमता है।
  • राजस्थान में स्थापित सौलर पार्क
  1. सोलर पार्क भड़ला (फलौदी) –
    • उत्पादन क्षमता – 2245 मेगावाट जो चार चरणों मे विभक्त है।
    • पहला चरण (65) मेगावाट – इसको राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेन्ट कम्पनी लिमिटेड द्वारा  स्थापित किया गया।
    • द्वितीय चरण – 680 मेगावाट – इसको राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया।
    • तृतीय चरण 1000 मेगावाट – इसको मैसर्स सौर उर्जा कम्पनी ऑफ राजस्थान लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया।
    • चतुर्थ चरण 500 मेगावाट – इसको मैसर्स अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया।
  2. फलोदी पोकरण सोलर पार्क (जोधपुर-जैसलमेर) –
    • उत्पादन क्षमता – 750 मेगावाट
    • इसका विकास संयुक्त उपक्रम कम्पनी मैसर्स एसेल सौर्य उर्जा कम्पनी ऑफ राजस्थान लिमिटेड द्वारा स्थापित।
  3. सोमनाथ सोलर पार्क (जैसलमेर) –
    • उत्पादन क्षमता -1500 मेगावाट
    • कम्पनी मैसर्स अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड द्वारा स्थापित।
  4. नोख सोलर पार्क (फलौदी) –
    • उत्पादन क्षमता – 925 मेगावाट
    • राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कम्पनी द्वारा स्थापित।
  5. पूगल सोलर पार्क (बीकानेर)
    • उत्पादन क्षमता – 2000 मेगावाट
    • जिसमें 2022 में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 810 मेगावाट व कोल इण्डिया लिमिटेड द्वारा 1190 मेगावाट स्थापित करने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

 

  • राजस्थान में सौर ऊर्जा नीति –
  1. प्रथम सौर ऊर्जा नीति –
    • 19 अप्रैल 2011 को राजस्थान अक्षय उर्जा निगम इस नीति के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करेगा।
    • इस नीति के माध्यम से 2013-14 तक 1500 मेगावाट ऊत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया।
  2. द्वितीय सौर ऊर्जा नीति
    • यह नीति 8 अक्टूबर 2014 को लागू की गयी।
  3. नवीन सौर ऊर्जा नीति
    • यह 18 दिसम्बर 2019 को लागू की गई। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2022 तक सौर उर्जा से 100 गीगावॉट उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया।
    • राजस्थान 2030 तक देश में 500 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन हासिल करने के लक्ष्य में है।

 

  • राजस्थान में परमाणु ऊर्जा –

  • राजस्थान परमाणु ऊर्जा संयंत्र (रावत भाटा चितौड़‌गढ़) –
    • इसकी स्थापना 30 नवंबर 1972 को कनाडा के सहयोग से हुई।
    • उत्पादन क्षमता – 1180 मेगावाट
    • इस परमाणु शक्ति गृह से राज्य को 412.74 मेगावाट विद्युत प्राप्त होती है।
    • राजस्थान में एक परमाणु उर्जा संयंत्र बांसुरी उद्योग जिले में प्रस्ताविक है। इस नीति के तहत 2024-25 तक 3000 मेगावाट सौर उत्पादन लक्ष्य है।
      • विवरण        –         क्षमता
      • यूटिलिटी / ग्रिड – 24000 मेगावाट
      • वितरित उत्पादन – 4000 मेगावाट
      • सौर छत – 1000 – मेगावाट
      • सौर पंप – 1000 – मेगावाट

  • राजस्थान में उर्जा उत्पादन –

  • राजस्थान में उर्जा उत्पादन के प्रमुख स्रोत है जैसे – ताप विद्युत, पवन उर्जा, बायोमास, अंतर्राज्यीय उर्जा संयंत्र आदि ।
  • नवम्बर 2022 तक राजस्थान की कुल अधिष्ठापित क्षमता – 23487.46 मेगावाट
 स्रोत  अधिष्ठापित क्षमता मेगावाट  प्रतिशत
 जल विद्युत  1757.95 मेगावाट  7.4 प्रतिशत
 परमाणु  456.74 मेगावाट  1.94 प्रतिशत
 पवन उर्जा  3730.35 मेगावाट  15.88 प्रतिशत
 तापीय उर्जा  13488 मेगावाट  57.42 प्रतिशत
 गैस  603.50 मेगावाट  2.56 प्रतिशत
 सौर  3348.60 मेगावाट  14.25 प्रतिशत
 बायोमास  101.95 मेगावाट  0.43 प्रतिशत
  कुल  23487.46 मेगावाट  100 प्रतिशत

 

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